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नितिन गडकरी ने ठुकराया प्रधानमंत्री पद का प्रस्ताव, जानिए क्यों नहीं बने देश के सबसे बड़े पद के दावेदार!
Sep 16
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केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री बनना उनका लक्ष्य कभी नहीं रहा। नागपुर में आयोजित 'अनिल कुमार पत्रकारिता पुरस्कार समारोह' में बोलते हुए गडकरी ने बताया कि एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए समर्थन देने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया।
उन्होंने कहा, "मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहता, लेकिन एक बार एक व्यक्ति ने मुझसे कहा, 'अगर आप प्रधानमंत्री बनना चाहें तो हम आपका समर्थन करेंगे।' मैंने उनसे पूछा, 'क्यों समर्थन करेंगे और मैं क्यों लूंगा?'"
गडकरी ने यह स्पष्ट किया कि उनका संगठन और उनके सिद्धांत उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं, और वे किसी भी पद के लिए अपने आदर्शों के साथ समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, "भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत हमारे सिद्धांतों में है।"
इसके अलावा, गडकरी ने लोकतंत्र के चार स्तंभों – न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका और मीडिया – में नैतिकता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सफल लोकतंत्र के लिए इन सभी स्तंभों का नैतिकता का पालन करना आवश्यक है।
कार्यक्रम में गडकरी ने एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि उन्होंने नागपुर और विदर्भ के प्रमुख नेता, स्व. ए. बी. बर्धन की ईमानदारी का सम्मान किया, भले ही उनकी विचारधारा का विरोध करते थे। उन्होंने कहा कि विरोध का सम्मान तब तक किया जाना चाहिए जब वह ईमानदारी से हो, और राजनीति और पत्रकारिता में आज ईमानदारी की कमी महसूस होती है।
यह ध्यान देने योग्य है कि 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान नितिन गडकरी का नाम प्रधानमंत्री पद के संभावित उम्मीदवारों में चर्चा में था, लेकिन गडकरी ने स्पष्ट किया कि उनका ध्यान हमेशा अपने कर्तव्यों पर रहा है, न कि किसी पद की दौड़ में। #नितिनगडकरी #प्रधानमंत्रीपद #भारतीयराजनीति #बीजेपी #लोकसभा2024 #विदर्भ #नागपुर #राजनीतिकसमाचार #गडकरीसिद्धांत #PixeNews